"शिक्षा का उद्देश्य ज्ञान को उन लोगों के द्वार तक पहुंचाना है जो उससे वंचित है। शिक्षा से वंचित लोगों को शिक्षित करना आवश्यक है जिससे कि वे उचित-अनुचित में अन्तर कर सके। इस शिक्षा सेवा के बदले में यदि कोई सारी दुनिया का राजपाठ भी दे दे, तो वह कम है।''
शिक्षक-शिक्षा समग्र शिक्षा प्रक्रिया का एक प्रभावी आयाम है। शिक्षक का उद्देश्य छात्रों को केवल मात्र विषय संबंधी जानकारी देना ही नहीं अपितु श्रेष्ठ मानव सृजन कर सकारात्मक सामाजिक परिवर्तन लाना है। अतः शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालयों में ऐसे प्रभावी शैक्षिक एवं सहशैक्षिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएं जिससे कि विद्यालयों में प्रशिक्षित अध्यापक / अध्यापिकाओं के माध्यम से छात्राओं के व्यक्तित्व का सम्पूर्ण विकास (बौद्धिक, भावनात्मक एवं क्रियात्मक विकास) किया जा सके । शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय के पाठ्यक्रमों में आधुनिक विषय ज्ञान के साथ सामाजिक सहभागिता का जुड़ाव होना चाहिए। सैद्धान्तिक शिक्षण के साथ-साथ व्यवहारिक शिक्षण पर अधिक बल दिया जाए।
1. प्रभावी शिक्षक प्रशिक्षण
2. शैक्षिक अनुसंधान
3. संदर्भ सेवाएं
4. क्षेत्रानुभव कार्यक्रम
5. भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों का संरक्षण एवं अभिवर्धन
भावी शिक्षकों के बहुआयामी व्यक्तित्व विकास हेतु सितम्बर 2008 में मॉडर्न महिला शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय अलवर की स्थापना की गई। राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के आदेश क्रमांक ENRC/NCTE/RJ-978/2008/56121 दिनांक 12.08.2008 को महाविद्यालय को मान्यता प्रदान की गई तथा राजस्थान सरकार द्वारा शिक्षा (ग्रुप-1) विभाग के आदेश क्रमांक प 1 0(6) शिक्षा 1/2007 जयपुर दिनांक 9.9.2008 अनुसार महिला शिक्षक प्रशिक्षण (बी.एड.) महाविद्यालय की स्वीकृति प्रदान की गई। मॉडर्न शिक्षा समिति अलवर शिक्षा के क्षेत्र में वर्ष 1985 से कार्यरत हैं। मॉडर्न शिक्षा समिति का रजिस्ट्रेशन संख्या 724/84-85 दिनांक 15.3.1985 है।
महाविद्यालय के संस्थापक एक बहुआयामी व्यक्तित्व के धनी हैं। श्री सुग्रीव सिंह चौहान जिन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन गुणात्मक शिक्षा के विकास एवं समाज सेवा में समर्पित किया है।
महाविद्यालय का निजी वैभवशाली भवन एवं विशाल प्रांगण है जिसमें सघन वृक्षावली है। सघन वृक्षावली से आच्छादित महाविद्यालय का शैक्षिक वातावरण शान्त, मनोरम एवं सुरम्य है। महाविद्यालय के अध्यक्ष कक्ष, निदेशक कक्ष, प्राचार्य कक्ष, स्टाफ कक्ष, कार्यालय कक्ष, सभाकक्ष, शिक्षण कक्ष, विज्ञान प्रयोगशाला, मनोविज्ञान प्रयोगशाला, भाषा प्रयोगशाला, शैक्षिक प्रौद्योगिकी कक्ष, कम्प्यूटर कक्ष, छात्राध्यापिका सामान्य कक्ष, पुस्तकालय कक्ष एवं वाचनालय कक्ष उपलब्ध है।
महाविद्यालय में खेल के इन्डोर एवं आउट डोर खेलों की व्यवस्था है जिनमें बास्केटबॉल, वॉलीबॉल तथा बैडमिन्टन के मैदान मुख्य हैं। खेलों का सामान उपलब्ध है तथा शारीरिक शिक्षक की सेवाएं उपलब्ध हैं।
महाविद्यालय में अनिवार्य विषयों के साथ विभिन्न वर्गों में निम्नांकित विषयों की स्वीकृति प्रदान की जाती है:
1. कला वर्ग :- हिन्दी, अंग्रेजी, संस्कृत, इतिहास, नागरिक शास्त्र, भूगोल, सामाजिक ज्ञान एवं गृह विज्ञान
2. विज्ञान वर्ग :- जीव विज्ञान एवं रसायन विज्ञान
3. वाणिज्य वर्ग :- एबीएसटी, बिजनिस एडमिनिस्ट्रेशन, ईएएफएम
1. कला वर्ग :- 70 छात्राध्यापिकाएं
2. विज्ञान वर्ग :- 20 छात्राध्यापिकाएं
3. वाणिज्य वर्ग :- 10 छात्राध्यापिकाएं
राजऋर्षि भर्तृहरी मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर (राज.) एवं राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के मापदण्डानुसार महाविद्यालय में निम्नांकित स्टाफ उपलब्ध है।
(अ) शैक्षिक स्टाफ
1. प्राचार्य- 1
2. प्रवक्ता- 15
(ब) तकनीकी स्टाफ
1. पुस्तकालयाध्यक्ष- 1
2. प्रयोगशाला सहायक-1
3. कम्प्यूटर अनुदेशक-1
(स) कार्यालय स्टाफ
1. कार्यालयाधीक्षक- 1
2. लेखाकार-1
3. कनिष्ठ लिपिक-1
4. सहायक कर्मचारी-4
महाविद्यालय प्रबंधन ने महाविद्यालय के निदेशक पद का सृजन किया है। निदेशक का दायित्व महाविद्यालय में शैक्षिक एवं प्रशासनिक मार्गदर्शन करना होगा एवं स्टाफ एवं प्रबंधन में समन्वय स्थापित करना होगा।
महाविद्यालय में सभी छात्राध्यापिकाओं को महाविद्यालय द्वारा निर्धारित गणवेश धारण करनी होगी।
प्रातः 10.00 बजे से दोपहर 3.30 बजे तक रहेगा।
अध्यक्ष/निदेशक/प्राचार्य से मिलने का समय : प्रातः 10.30 बजे से दोपहर 2 बजे तक
महाविद्यालय का फोन नं. - 0144-2701485
ई-मेल: modernmahila@yahoo.in, modernmahilabed@gmail.com
वेबसाईट: www.modernbedcollege.com
1. महाविद्यालय की सम्पूर्ण व्यवस्था एवं कार्यक्रम राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद, जयपुर राजऋर्षि भर्तृहरी मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर (राज.) एवं राजस्थान सरकार के निर्धारित नियमों के अनुसार संचालित किए जाते हैं। अतः महाविद्यालय की समस्त छात्राध्यापिकाएं इन नियमों की अनिवार्य रूप से पालन करेंगी।
2. गर्भवती महिलाओं को नियमानुसार महाविद्यालय में बी. एड. कोर्स में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
3. शिक्षण सत्र में निर्धारित शिक्षण कार्य दिवसों की 75 प्रतिशत उपस्थिति सभी छात्राध्यापिकाओं के लिए आवश्यक है। इसके अभाव में उन्हें राजऋर्षि भर्तृहरी मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर (राज.) द्वारा आयोजित परीक्षा में अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी।
4. महाविद्यालय की व्यवस्था एवं अनुशासन बनाए रखने के लिए सभी छात्राध्यापिकाओं को महाविद्यालय के नियमों का पालन करना होगा।
5. महाविद्यालय द्वारा आयोजित विभिन्न शैक्षिक, सह शैक्षिक एवं भौतिक गतिविधियों में सभी छात्राध्यापिकाओं को भाग लेना अनिवार्य होगा।
6. एन.सी.टी.ई. एवं राज्य सरकार द्वारा निर्धारित इन्टरशिप प्रथम वर्ष 1 माह एवं द्वितीय वर्ष में 4 माह छात्राध्यापिकाओं को पूर्ण करना अनिवार्य होगा। जिसकी जिम्मेदारी छात्राध्यापिका स्वयं की होगी। इसके अभाव में राजऋर्षि भर्तृहरी मत्स्य विश्वविद्यालय, अलवर द्वारा आयोजित परीक्षा में सम्मलित नहीं हो पायेगी।
7. महाविद्यालय में सभी छात्राध्यापिकाओं को निर्धारित शिक्षण अभ्यास, समालोचना पाठ, सत्रीय एवं व्यवहारिक कार्य आदि पाठ्यक्रमानुसार भाग लेकर पूरे करने होंगे।
8. सभी छात्राध्यापिकाओं को खुला सत्र एवं क्षेत्रीय ब्लॉक शिक्षण में भाग लेना अनिवार्य होगा।
9. प्रत्येक छात्राध्यापिकाओं को विषयवार सहायक सामग्री तैयार कर अभ्यास शिक्षण कराना होगा।
10. अभ्यास शिक्षण एवं ब्लॉक शिक्षण हेतु निर्धारित विद्यालयों में छात्राध्यापिकाओं को सम्मिलित होकर कार्य सम्पादित करना अनिवार्य होगा।
11. महाविद्यालय द्वारा आयोजित शैक्षिक किट में सभी को भाग लेना अनिवार्य होगा।
12. महाविद्यालय द्वारा निर्धारित गणवेश तथा शैक्षिक किट का प्रयोग करना अनिवार्य होगा।
13. महाविद्यालय की बी. एड. प्रवेश-फार्म विधिवत भरकर वान्छित प्रमाण पत्रों के दो सैट सत्यापित कराकर फाईल में लगाकर महाविद्यालय में जमा कराना होगा।
14. जिन छात्राध्यापिकाओं ने अपनी अन्तिम परीक्षा राजस्थान विश्वविद्यालय जयपुर को छोड़कर अन्य विश्वविद्यालयों से की है, उन्हें अपने प्रवेश-फार्म के साथ प्रमाण पत्रों की सत्य प्रतियों के साथ मूल प्रमाण पत्र भी फाईल में संलग्न कर महाविद्यालय में जमा कराने होंगे तथा निर्धारित समयावधि में उन्हें अपना माइग्रेशन सर्टिफिकेट भी महाविद्यालय में जमा कराना होगा।
15. महाविद्यालय की ओर से वर्तमान में छात्राध्यापिकाओं के लिए कोई आवास की व्यवस्था नहीं है। अतः उन्हें अपने आवास की व्यवस्था अपने माता-पिता/संरक्षक की सहमति से अपने स्तर पर करनी होगी।
16. महाविद्यालय की ओर से वर्तमान में महाविद्यालय में आने जाने हेतु वाहन की व्यवस्था नहीं है। अतः सभी छात्राध्यापिकाओं को आने जाने की व्यवस्था अपने माता-पिता/संरक्षक के परामर्श से अपने स्तर पर करनी होगी।
17. बी. एड. प्रशिक्षण में किसी भी प्रकार का अवकाश देय नहीं है परन्तु विशेष परिस्थितियों में महाविद्यालय में शिक्षण कार्य के दौरान छात्राध्यापिकाओं को अवकाश उनके मातापिता/संरक्षक की अभिशंषा पर प्राचार्य/निदेशक/अध्यक्ष से अवकाश की अनुमति प्रदान की जाएगी।
18. महाविद्यालय में सभी छात्राध्यापिकाओं को प्रवेश के समय 1000/- (एक हजार रूपये मात्र) कॉशन मनी के रूप में जमा करवानी होगी जो सत्रांत में परीक्षा प्रणाम के बाद लौटा दी जाएगी । मूल रसीद महाविद्यालय में वापस जमा करनी होगी ।
19. महाविद्यालय में छात्राध्यापिकाओं को मोबाइल लाना वर्जित होगा ।
20. प्रत्येक शनिवार को 30 मिनट का समय पेड़ - पोधो के रखरखाव के लिए होगा जिसमें प्रत्येक छात्रा का भाग लेना अनिवार्य होगा ।